दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस खौफ से भारत के शेयर बाजार नहीं उबर पा रहे हैं. इस हफ्ते सिर्फ तीन कारोबारी दिन में सेंसेक्स 5000 अंक लुढ़क चुका है. वहीं निफ्टी की बात करें तो ये 1500 अंक से अधिक गिर चुका है.
कैसा रहा बुधवार का दिन
बुधवार को भारतीय शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत हुई. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 400 अंक मजबूत होकर एक बार फिर 31 हजार अंक के स्तर पर पहुंच गया. वहीं निफ्टी ने भी करीब 100 अंक की छलांग लगाई और 9 हजार अंक के स्तर को पार कर लिया. लेकिन ये बढ़त कुछ मिनटों तक रही और सेंसेक्स—निफ्टी एक बार फिर गिरावट के साथ कारोबार करने लगे. कारोबार के आखिरी घंटे में सेंसेक्स 1900 अंक लुढ़क कर 29 हजार के नीचे आ गया तो वहीं निफ्टी 460 अंक की गिरावट के साथ 8500 अंक के स्तर पर था.
पूरे दिन सेंसेक्स का ये रहा हाल
बता दें कि कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1709.58 अंक यानी 5.59 फीसदी लुढ़क कर 28,869.51 अंक पर बंद हुआ. अगर निफ्टी की बात करें तो ये 425.55 अंक या 4.75% की गिरावट के साथ 8,541.50 अंक पर रहा. निफ्टी का ये 3 साल का लो लेवल है.
तीन दिन में डूबे 15 लाख करोड़
इस हफ्ते के शुरुआती तीन कारोबारी दिन में निवेशकों को 15 लाख करोड़ के करीब का नुकसान हुआ है. बीएसई इंडेक्स पर मार्केट कैप सोमवार को 1,21,63,952.59 करोड़ रुपया था लेकिन यह बुधवार को बाजार बंद होने पर 1,13,64,118.31 करोड़ रुपये पर रह गया.बता दें कि बीएसई इंडेक्स के मार्केट कैप के आधार पर ही निवेशकों की पूंजी के नुकसान का आंकलन होता है.
दोपहर 3.00 बजे के बाद सेंसेक्स
दोपहर 2.00 बजे सेंसेक्स
शुरुआती दो दिन बाजार की स्थिति
- मंगलवार को भारी उतार—चढ़ाव के बाद भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली लौट आई और सेंसेक्स-निफ्टी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 810.98 अंक यानी करीब 2.58 फीसदी लुढ़क कर 30,579.09 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी 230.35 अंक लुढ़क कर 8,967.05 अंक पर बंद हुआ.
- वहीं सोमवार को सेंसेक्स 2,713.41 अंक यानी 7.96 फीसदी की गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 757.80 अंक यानी 7.61 फीसदी की गिरावट के साथ 9,197.40 अंक पर रहा.
अमेरिकी बाजार का क्या रहा हाल
पिछले तीन दशक की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में मंगलवार को वापसी का रुख दिखाई दिया. कारोबार की शुरुआत में वॉल स्ट्रीट में शेयर सूचकांक बढ़त के साथ खुले. डाउ जोन्स में इस दौरान 1.7 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. इससे पहले, सोमवार को इसमें 1987 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. सोमवार को डाउ जोंस में करीब 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
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अगर दुनिया के अन्य देशों की बात करें तो फ्रांस के बाजार नियामक ने मंगलवार को 92 शीर्ष शेयरों में शार्ट- सेलिंग पर रोक लगा दी. वहीं फिलीपीन पहला देश बन गया है जिसने कोरोना वायरस की वजह से अपने शेयर बाजारों को बंद करने की घोषणा की है. देश में पूरी तरह बंदी लागू हो रही है और बाजारों में भी इस दौरान कामकाज बंद रहेगा.
इस बीच, कच्चे तेल के दाम 30 डालर प्रति बैरल से नीचे आ गए और यूरो के मुकाबले सोमवार को भारी नुकसान में रहने के बाद डॉलर में मंगलवार को सुधार दिखाई दिया.अगर रुपये की बात करें तो सप्ताह के दूसरे दिन यह डॉलर के मुकाबले शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और अंत में 74.24 पर लगभग स्थिर बंद हुआ. हालांकि, बुधवार को रुपये में मामूली मजबूती देखने को मिली.